1. कम्प्यूटर । इंटरनेट । मानव समाज के लिए । वरदान है । प्रचीन काल मे । इस सुविधा को । दिब्य द्रष्टि शक्ती । कहा जाता था । हिन्दू धर्म के अनुसार । दिब्य द्रष्टि शक्ती । देवताओं के पास रहती है । जो किसी दूसरे स्थान मे रहकर । किसी दूसरे स्थान का हाल देख लेते है । हिन्दू धर्म के । महाभारत ग्रन्थ के अनुसार । महाभारत मे । संजय ने । राज दरबार मे बैठकर । अपनी दिब्य द्रष्टि शक्ती से । धृतराष्ट्र को । कुरूक्षेत्र का । ऑखो देखा हाल सुनाया था । संजय ने वह । दिब्य द्रष्टि शक्ती । कठिनता से हांसिल की थी । शक्तियों का । कभी भी अंत नही होता है । शक्तियां कुछ समय के लिए । विलुप्त होती है । और फिर । किसी न किसी रूप मे । हमारे सामने प्रकट हो जाती है । प्रचीन काल की । वही दिब्य द्रष्टि शक्ती । आज कम्प्यूटर इंटरनेट बनकर । हमारे सामने प्रगट हुई है ।कम्प्यूटर । इंटरनेट के जरिये । हम विश्व के । किसी भी । कोने का हाल । अपने घर मे बैठकर । देख लेते है ।
  1. इसीलिए । कम्प्यूटर इंटरनेट । मानव समाज के लिए । वरदान है ।