1. भ्रष्टाचार का धन । यानी की । भ्रष्ट । आचार विचार वाले । व्यक्ति व्दारा । देशहित । समाजहित । जनहित । त्याग कर । सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए । किसी भी गलत रास्ते से । अर्जित होने वाले धन को कहते है ।
  1. भ्रष्टाचारी व्यक्ति । यानी की । भ्रष्ट आचार विचार वाले । व्यक्ति व्दारा । देशहित । समाजहित । जनहित । त्याग कर । सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए । किसी भी गलत रास्ते से । धन अर्जित करने वाले । व्यक्ति को कहते है ।
  1. भ्रष्टाचार । सरकारी विभाग मे व्याप्त है । जो आगे जाकर । काला धन का रुप लेता है । इसे रोकना बहुत जरूरी है ।
  1. आज नागरिक । भ्रष्टाचार क्यों करता है । क्योंकी