1. दसो इन्द्रिंयों की चंचलता को रोक कर । मन को मस्तिष्क मे केन्द्रित करके । मन और आत्मा से ज्योती स्वरूप अद्रश्य शक्ति को ध्यान मे रख कर । जब परम ज्योती का दर्शन किया जाता है । इसी को अध्यात्म कहते है । यही अध्यात्म है ।