- नारी स्वय् संचालित शक्ती है । लेकिन । पुरूष । नारी शक्ती से । संचालित होता है ।
- नारी । पुरूष के जीवन मे । डायनुमा की तरह । काम करती है ।
- पुरूष के जीवन मे । नारी के प्रवेश करते ही । लापरवाह पुरूष । जिम्मेदार बन जाता है । अकर्मन्ड पुरूष । कर्मवीर बन जाता है । न कमाने वाला पुरूष । कमाने लगता है ।
- पुरूष का जीवन । प्रकाशमय हो जाता है । पुरूष का जीवन । खुसियों से भर जाता है । नारी के बिना । पुरूष का जीवन अधूरा है ।
- हर एक नारी । हर एक पुरूष के लिए । एक शक्ती है ।
- इसीलिए । पुरूष । नारी की तरफ भागता है । की जीवन मे । नारी के प्रवेश करते ही । जीवन खुसियों से भर जाएगा ।
- इसीलिए नारी को शक्ती कहते है ।