1. उस अद्रश्य शक्ति को । मंजिल न मानकर । धर्म रास्ते को ही । मंजिल मानने का नतीजा यह है । कि
  1. धर्म । रास्ते के नाम पर झगडे होते है । उस अद्रश्य शक्ति के नाम पर । कभी भी झगडे नही होंते ।
  1. सिर्फ धर्म । रास्ते के नाम पर झगडे । कुदरत के विपरीत है ।
  1. हम जब जब कुदरत के विपरीत गए है । तब तब हमारा नुकसान होता है ।